shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview

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मातु पिता भ्राता सब कोई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥

As many are the varieties of Shiva, so Most are her divine consorts, particularly if we look at the Puranas. They stand for the strength of the certain component that Shiva embodies every so often. So we have Uma, the benefactress; Sati, the bride who throws herself into the fire over the sacrifice officiated by her father, Daksha, responsible of having excluded Shiva in the sacrifices for her resigned and ascetic visual appearance; Parvati, daughter of your Himalayas; the black Kalì, the destroyer; Bhairavi and Durga.

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो । यहि अवसर मोहि आन उबारो ॥

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे। कांधे मूंज जनेउ साजे।।

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

गिरिन्द्रात्मजासंग्रहीतार्धदेहं गिरौ संस्थितं सर्वदा सन्नगेहम् ।

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

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अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता website पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

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